मराठी समानार्थी शब्द
- अनाथ = पोरका
- अनर्थ = संकट
- अपघात = दुर्घटना
- अपेक्षाभंग = हिरमोड
- अभिवादन = नमस्कार, वंदन, प्रणाम
- अभिनंदन = गौरव
- अभिमान = गर्व
- अभिनेता = नट
- अरण्य = वन, जंगल, कानन
- अवघड = कठीण
- अवचित = एकदम
- अवर्षण = दुष्काळ
- अविरत = सतत, अखंड
- अडचण = समस्या
- अभ्यास = सराव
- अन्न = आहार, खाद्य
- अग्नी = आग
- अचल = शांत, स्थिर
- अचंबा = आश्चर्य, नवल
- अतिथी = पाहुणा
- अत्याचार = अन्याय
- अपराध = गुन्हा, दोष
- अपमान = मानभंग
- अपाय = इजा
- अश्रू = आसू
- अंबर = वस्त्र
- अमृत = पीयूष
- अहंकार = गर्व
- अंक = आकडा
- आई = माता, माय, जननी, माउली
- आकाश = आभाळ, गगन, नभ, अंबर
- आठवण = स्मरण, स्मृती, सय
- आठवडा = सप्ताह
- आनंद = हर्ष
- आजारी = पीडित, रोगी
- आयुष्य = जीवन, हयात
- आतुरता = उत्सुकता
- आरोपी = गुन्हेगार, अपराधी
- आश्चर्य = नवल, अचंबा
- आसन = बैठक
- आदर = मान
- आवाज = ध्वनी, रव
- आज्ञा = आदेश, हुकूम
- आपुलकी = जवळीकता
- आपत्ती = संकट
- आरसा = दर्पण
- आरंभ = सुरवात
- आशा = इच्छा
- आस = मनीषा
- आसक्ती = लोभ
- आशीर्वाद = शुभचिंतन
- इलाज = उपाय
- इशारा = सूचना
- इंद्र = सुरेंद्र
- इहलोक = मृत्युलोक
- ईर्षा = चुरस
- उत्सव = समारंभ, सण, सोहळा
- उक्ती = वचन
- उशीर = विलंब
- उणीव = कमतरता
- उपवन = बगीचा
- उदर = पोट
- उदास = खिन्न
- उत्कर्ष = भरभराट
- उपद्रव = त्रास
- उपेक्षा = हेळसांड
- ऊर्जा = शक्ती
- ॠण = कर्ज
- ॠतू = मोसम
- एकजूट = एकी, ऐक्य
- ऐश्वर्य = वैभव
- ऐट = रुबाब, डौल
- ओझे = वजन, भार
- ओढा = झरा, नाला
- ओळख = परिचय
- औक्षण = ओवाळणे
- अंत = शेवट
- अंग = शरीर
- अंघोळ = स्नान
- अंधार = काळोख, तिमिर
- अंगण = आवार
- अंगार = निखारा
- अंतरिक्ष = अवकाश
- कथा = गोष्ट, कहाणी, हकिकत
- कठीण = अवघड
- कविता = काव्य, पद्य
- करमणूक = मनोरंजन
- कठोर = निर्दय
- कनक = सोने
- कटी = कंबर
- कमळ = पंकज
- कपाळ = ललाट
- कष्ट = श्रम, मेहनत
- कंजूष = कृपण
- काम = कार्य, काज
- काठ = किनारा, तीर, तट
- काळ = समय, वेळ, अवधी
- कान = श्रवण
- कावळा = काक
- काष्ठ = लाकूड
- किल्ला = गड, दुर्ग
- किमया = जादू
- कार्य = काम
- कारागृह = कैदखाना, तुरुंग
- कीर्ती = प्रसिद्धी, लौकिक, ख्याती
- कुतूहल = उत्सुकता
- कुटुंब = परिवार
- कुशल = हुशार, तरबेज
- कुत्रा = श्वान
- कुटी = झोपडी
- कुचंबणा = घुसमट
- कृपण = कंजूष
- कृश = हडकुळा
- कोवळीक = कोमलता
- कोठार = भांडार
- कोळिष्टक = जळमट
- खण = कप्पा
- खडक = मोठा दगड, पाषाण
- खटाटोप = प्रयत्न
- खग = पक्षी
- खड्ग = तलवार
- खरेपणा = न्यायनीती
- ख्याती = कीर्ती, प्रसिद्धी, लौकिक
- खात्री = विश्वास
- खाली जाणे = अधोगती
- खिडकी = गवाक्ष
- खेडे = गाव, ग्राम
- खोड्या = चेष्टा, मस्करी
- गरज = आवश्यकता
- गवत = तृण
- गर्व = अहंकार
- गाय = धेनू, गोमाता
- गाणे = गीत, गान
- गंमत = मौज, मजा
- गंध = वास, दरवळ
- ग्रंथ = पुस्तक
- गाव = ग्राम, खेडे
- गुन्हा = अपराध
- गुलामी = दास्य
- गोड = मधुर
- गोणी = पोते
- गोष्ट = कहाणी, कथा
- गौरव = सन्मान
- ग्राहक = गिऱ्हाईक
- घर = सदन, गृह, निकेतन, आलय
- घरटे = खोपा
- घागर = घडा, मडके
- घोडा = अश्व, हय, वारू
- चव = रुची, गोडी
- चरण = पाय, पाऊल
- चरितार्थ = उदरनिर्वाह
- चक्र = चाक
- चऱ्हाट = दोरखंड
- चाक = चक्र
- चंद्र = शशी, रजनीनाथ, इंदू
- चिंता = काळजी
- चिडीचूप = शांत
- चिमुरडी = लहान
- चूक = दोष
- चेहरा = मुख
- चौकशी = विचारपूस
- छंद = नाद, आवड
- छान = सुरेख, सुंदर
- छिद्र = भोक
- जग = दुनिया, विश्व
- जत्रा = मेळा
- जन = लोक, जनता
- जमीन = भूमी, धरती, भुई
- जंगल = रान
- जीव = प्राण
- जीवन = आयुष्य, हयात
- जुलूम = अत्याचार, छळ, बळजोरी, अन्याय
- झाड = वृक्ष, तरू
- झोपडी = कुटीर, खोप
- झोप = निद्रा
- झोका = झुला
- झेंडा = ध्वज, निशाण
- ठग = चोर
- ठिकाण = स्थान
- डोके = मस्तक, शीर्ष, शीर
- डोळा = नेत्र, नयन, लोचन
- डोंगर = पर्वत, गिरी
- ढग = मेघ, जलद, पयोधर, अभ्र
- ॠण = कर्ज
- तक्रार = गाऱ्हाणे
- तळे = तलाव, सरोवर, तडाग
- त्वचा = कातडी
- तारण = रक्षण
- ताल = ठेका
- तुरंग = कैदखाना, बंदिवास
- तुलना = साम्य
- थट्टा = मस्करी, चेष्टा
- थवा = समूह
- थोबाड = गालपट
- दगड = पाषाण, खडक
- दरवाजा = दार, कवाड
- दाम = पैसा
- दृश्य = देखावा
- दृढता = मजबुती
- दिवस = दिन, वार, वासर
- दिवा = दीप, दीपक
- दूध = दुग्ध, पय
- द्वेष = मत्सर, हेवा
- देव = ईश्वर, विधाता
- देश = राष्ट्र
- देखावा = दृश्य
- दार = दरवाजा
- दारिद्र्य = गरिबी
- दौलत = संपत्ती, धन
- धरती = भूमी, धरणी
- ध्वनी = आवाज, रव
- नदी = सरिता
- नजर = दृष्टी
- नक्कल = प्रतिकृती
- नमस्कार = वंदन, नमन
- नातेवाईक = नातलग
- नाच = नृत्य
- निश्चय = निर्धार
- निर्धार = निश्चय
- निर्मळ = स्वच्छ
- नियम = पद्धत
- निष्ठा = श्रद्धा
- नृत्य = नाच
- नोकर = सेवक
- परिश्रम = कष्ट, मेहनत
- पती = नवरा, वर
- पत्र = टपाल
- पहाट = उषा
- परीक्षा = कसोटी
- पर्वा = चिंता, काळजी
- पर्वत = डोंगर, गिरी, अचल
- पक्षी = पाखरू, खग, विहंग
- प्रकाश = उजेड
- प्रवास = सफर, फेरफटका, पर्यटन
- प्रवासी
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